बलात्कार के आरोपी विधायक झेल सकते हैं आयोग की तल्खी
नयी दिल्लीः बसपा के विधायक पुरूषोत्तम द्विवेदी के एक नाबालिग दलित लड़की से कथित तौर पर बलात्कार करने के मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग जल्द ही विस्तृत रिपोर्ट के लिए अपनी टीम उत्तर प्रदेश के बांदा जिले भेज सकता है. लखनउ के पुलिस अधीक्षक अनिल दास ने कुछ दिन पहले आयोग को प्राथमिक रिपोर्ट भेजी थी, जिसके बाद यह कदम उठाया गया है.राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया के अनुसार, इस कथित बलात्कार मामले में विस्तृत रिपोर्ट के लिए हम जल्द ही अपनी टीम बांदा भेजेंगे. रिपोर्ट के आधार पर हम अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अत्याचार निरोधी कानून के तहत गिरफ्तारी की अनुशंसा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि ओबीसी के लिये राष्ट्रीय आयोग के अभाव में आयोग पिछड़े समुदाय के लोगों पर हुए अत्याचार की जांच करने की शक्ति रखता है.
मायावती सरकार ने विधायक बलात्कार मामले में आयोग द्वारा संज्ञान लिये जाने पर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद पुनिया का यह बयान आया है. आयोग का यह मानना था कि अगर इन मामलों को गंभीरता से नहीं लिया जाएगा, तो अपराधी यह सोंचेगे कि वह अपराध कर के बच सकते हैं. इस बीच, उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि स्थानीय अदालत के निर्देश देने के बावजूद इस सिलसिले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है.
पिछले साल दिसंबर में 17 साल की एक लड़की का बसपा के नरेनी से विधायक ने कथित तौर पर बलात्कार किया था. विधायक ने लड़की के खिलाफ़ चोरी का आरोप लगाया था.
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