Friday 21 January 2011

अब गांव में कैद हुई शीलू

दैनिक जागरण January 17, Monday , 2011
अब गांव में कैद हुई शीलू
बांदा, जागरण कार्यालय : जेल से छूटी तो शीलू गांव में कैद हो गयी। पुलिस और पीएसी ने उसके घर ही नहीं पूरे गांव को घेर रखा है। कपड़े लेकर कई बार शीलू शहर आने के लिए घर से निकली लेकिन पुलिस वालों ने यह कहकर रोक दिया कि उच्च न्यायालय का गांव में ही सुरक्षित रखने का आदेश हैं। उधर सपा के राष्ट्रीय महासचिव विशंभर निषाद की अगुवाई में सपाइयों ने धरना देकर शीलू को आवास, 50 लाख मुआवजा व समुचित सुरक्षा की मांग की। सपा नेता ने शीलू को शहर लाने का प्रयास किया तो पुलिस से झड़प हो गयी। तीखी नोकझोंक के बीच कई बार तो लाठी चार्ज की स्थिति बन गयी। पुलिस और सपाइयों में दिनभर कहासुनी होती रही। शहर व गांव में रहने को लेकर शीलू के पिता व भाई भी आमने सामने हो गये। पिता अच्छेलाल ने पुत्र से कहा कि शीलू यहीं रहेगी किसी भी नेता के घर व उसके संरक्षण में नहीं जायेगी। भाई इस बात पर अड़ा रहा कि इस छोटे से गांव में सुरक्षा नहीं है। हम सभी के लिए खतरा है। बांदा शहर में वह किराये का मकान लेकर रहेंगे।एक मौका वह भी आया जब शीलू अपने कपड़े लेकर गाड़ी में बैठने लगी। क्षेत्राधिकारी नरैनी कमल ने उसे रोकते हुए कहा कि हाईकोर्ट के यही निर्देश हैं कि गांव में ही शीलू को सुरक्षित रखा जाये। पुलिस यहां से किसी दूसरी जगह नहीं जाने देगी। यह सुनते ही शीलू फफक कर रोने लगी और कहा कि पुलिस वाले ही मुझे जान से मरवाना चाहते हैं। यहां मेरे पिता व भाई को बयान बदलवाने की धमकियां दी जा रही हैं। मैं अब अच्छी जिंदगी जीना चाहती हूं। बांदा या किसी बड़े शहर में रहूंगी। समाजवादी पार्टी के सांसद आरके पटेल, राष्ट्रीय महासचिव विशंभर निषाद, बबेरू विधायक विशंभर यादव, अशोक दीक्षित, मधुसूदन कुशवाहा, रामजी गुप्त समेत सैकड़ों सपाई दिनभर धरने में बैठकर यही कहते रहे कि शीलू यहां पूरी तरह से असुरक्षित है। पुलिस साजिश के तहत शीलू को यहां से नहीं जाने दे रही है। भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष स्मृति ईरानी ने शीलू से मुलाकात की। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मेरे सामने पुलिस शीलू को धमका रही थी। इस गांव में उसकी व उसके परिवार की सुरक्षा कतई नहीं है। वह डीआईजी से मिलकर शीलू की सुरक्षा की मांग करेंगी। जेल से छूटकर शीलू शनिवार की रात दस बजे शहबाजपुर गांव पहुंची थी। सुबह से ही शीलू से मिलने वालों का तांता लग गया। राजनीतिक दलों व संगठनों के नेता पहुंचे और दिनभर इसी बात पर जंग होती रही कि शीलू गांव में नहीं शहर में रहेगी पर प्रशासन के सामने किसी की एक नहीं चली और शीलू सहबाजपुर के चार घरों के मजरे पर ही कैद है। जब प्रशासन को भनक लगी कि सपाई शीलू को शहर ले जा रहे हैं तो मौके में मौजूद क्षेत्राधिकारी कमल व गजेंद्र सिंह ने आला अधिकारियों को सूचना दी। देखते ही देखते दो दर्जन से अधिक थानाध्यक्ष, चार क्षेत्राधिकारी, दो ट्रक पीएसी व अपर पुलिस अधीक्षक लालाराम मौके पर पहुंच गये और पूरा गांव छावनी में तब्दील हो गया।

शीलू की सुरक्षा में लगाये गए पुलिसकर्मी
लखनऊ : सरकार ने बांदा की दुराचार पीडि़त शीलू और उसके परिवारीजनों की हिफाजत के लिए सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिये हैं। उसके आवास पर चार सशस्त्र सिपाहियों की ड्यूटी 24 घंटे रहेगी। शीलू के साथ संचार उपकरणों से युक्त मोबाइल स्कोर्ट भी लगाई गई है। महिला अंगरक्षक भी उसके साथ रहेंगी। स्थानीय लोगों की पहचान रखने वालों की एक टीम भी लगाई गई है। पीएसी की एक पिकेट भी भेजी गयी है जो गांव में रहकर इनकी सुरक्षा करेगी।
सियासी बिसात पर शीलू को मोहरा बनाने की होड़
 लखनऊ, जागरण ब्यूरो : बांदा के सहबाजपुर की शीलू जेल से रिहा होने के बाद भी चैन से नहीं है। यह सही है कि उसकी रिहाई के लिए सभी दलों ने आवाज बुलंद की, लेकिन सियासी बिसात पर सब उसे अपना मोहरा बनाने की होड़ में पड़ गये हैं। सभी 2012 के विधानसभा चुनाव में सत्तापक्ष को घेरने के लिए शीलू को अपना हथियार बनाना चाहते हैं। रिहाई के बाद शीलू को अपने साथ ले जाने की जिद मे बांदा जिला कारागार के गेट पर राजनीतिक दलों ने जमकर बवाल काटा। रविवार को भी सहबाजपुर में शीलू के घर के सामने सियासी नौटंकी चलती रही। शीलू ने किसी के साथ जाने से मना कर दिया। रिहाई हो जाने भर से उसकी टीस कम नहीं हुई है। वह मान रही कि उसकी रिहाई मुख्यमंत्री मायावती के कहने से नहीं, बल्कि कोर्ट के कहने पर हुई है। जाहिर है आक्रामक हो चुकी शीलू के दिमाग को कोई रिमोट संचालित कर रहा है। बताते हैं कि शीलू नेताओं के खेमे में नहीं जाना चाहती है। अलबत्ता साथ देने वालों के प्रति वह कृतज्ञ है। शीलू के संघर्ष में बांदा के विधायक विवेक सिंह, सपा के राष्ट्रीय महासचिव विशंभर निषाद व विधायक विशंभर यादव की भूमिका रही। गुलाबी गैंग ने उसे संबल दिया। कांग्रेस और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी बांदा गये। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन, सांसद पीएल पुनिया ने सीधा हस्तक्षेप किया और 19 को वे शीलू से मिलने जाने वाले हैं। सभी दलों में शीलू को अपने साथ जोड़ने की प्रतिस्पर्धा हो गयी है। वह कहां रहे, कहां नहीं इसको लेकर भी मशक्कत चल रही है।
 हथियार उठेगा या फिर पहनेगी माला
गोविंद दुबे, बांदा : जुल्म से लड़ने का साहस कहें या फिर चाहत। शीलू अब ऐसे दोराहे पर खड़ी है जहां से वह या तो हथियार उठायेगी या फिर माला पहनेगी यानि नेता बनेगी। जेल से छूटने के बाद उसके अंदर कुछ ऐसे ही बीज अंकुरित देखे गये। उन्हें बेबाक कहा कि दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा मिले। न्याय न मिला तो वह बागी बन जायेगी। पत्रकारों से बातचीत में वह पहले ही कह चुकी है कि विधायक व उसके साथियों को फांसी से कम सजा नहीं होनी चाहिये। फूलन देवी भी जुल्म की दास्तां से बागी बनी थी मुझे भी दोषियों को सजा दिलाने के लिए यह करना पड़ा तो करूंगी।
 January 18, Tuesday , 2011
शीलू को ले गई पुलिस, मचा हड़कंप
बांदा, जागरण टीम : सोमवार की सुबह पुलिस जब शीलू को पिता के साथ गांव से आठ किमी दूर ले गयी तो हड़कंप मच गया। भाई संतू ने कहा कि पुलिस पिता को मिलाकर बहन को लखनऊ मुख्यमंत्री से मिलाने के लिए ले जा रही थी। उधर, शीलू ने भी पत्रकारों से कहा कि मुझे यह नहीं बताया गया कि कहां चलना है। दो घंटे तक पुलिस घुमाती रही। वह मुझे मुख्यमंत्री से मिलाने लखनऊ ले जाना चाहती थी। बाद में जब ऊपर से फोन आया तो गांव वापस लाया गया। उसने प्रदेश पुलिस को गैरभरोसेमंद बताते हुए अपनी सुरक्षा में केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात किये जाने की मांग की। जेल से छूटने के बाद शीलू को पुलिस की कड़ी सुरक्षा बीच गांव शहबाजपुर में रोका गया है। सोमवार की सुबह करीब आठ बजे जब शीलू तैयार हुई तो पिता अच्छेलाल उसे लेकर पुलिस की गाड़ी में बैठ गया। पिता का तो यह कहना है कि वह समीप के धोबिन पुरवा गांव स्थित महेश्वरी देवी मंदिर दर्शन कराने ले गया था। संतू को जब यह मालूम हुआ कि शीलू पिता व पुलिस के साथ कहीं चली गयी है तो उसने दूरभाष से सपा नेताओं को जानकारी दी। सपा के राष्ट्रीय महासचिव विशंभर निषाद ने पुलिस के उच्चाधिकारियों व मीडिया को जानकारी दी। करीब डेढ़ घंटे बाद पुलिस की उसी गाड़ी से शीलू और उसके पिता अच्छेलाल गांव वापस आ गए। शीलू व भाई संतू की मानें तो पुलिस पिता को मिलाकर शीलू को लखनऊ मुख्यमंत्री मायावती से मिलाने के लिए ले जा रहे थे। भाई ने कहा कि इतना सब हो गया, इसके बाद भी पिता बसपा का मोह नहीं छोड़ रहा है। शीलू ने भी भाई के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि दो घंटे मुझे इधर-उधर घुमाया गया। शहबाजपुर में कैंप कर रहे अपर पुलिस अधीक्षक लालाराम ने कहा कि पिता के कहने पर पुलिस की गाड़ी में शीलू मंदिर तक गयी थी। उधर सपाइयों ने गांव पहुंचकर शीलू की सुरक्षा को लेकर हंगामा किया और यह कहा कि प्रशासन बयान बदलाने के लिए षड़यंत्र कर रहा है। शीलू को प्रदेश पुलिस पर भरोसा नहीं : शीलू ने कहा कि प्रदेश की पुलिस का भरोसा नहीं है। भारी भरकम फोर्स लगाने के बाद भी वह अपने को यहां असुरक्षित ही मान रही है। उसने कहा कि केंद्रीय पुलिस बल सुरक्षा में लगाया जाये।
काल डिटेल खंगालने में जुटी सीबीसीआइडी
लखनऊ, जाब्यू : बांदा के शीलू दुराचार काण्ड की जांच कर रही सीबीसीआइडी टीम नरैनी के विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी, बांदा के पुलिस अधीक्षक व शीलू (बरामद मोबाइल) के मोबाइल काल डिटेल तथा लोकेशन की समीक्षा कर रही है। टीम मामले में संदिग्ध पुलिसकर्मियों व जेल अफसरों के खिलाफ भी सबूत जुटा रही है। माना जा रहा है कि एक हफ्ते में सीबीसीआइडी मामले के दोषियों की रिपोर्ट शासन को सौंप देगी। सूत्रों के मुताबिक जांच टीम ने शीलू के पास से बरामद मोबाइल की काल डिटेल की समीक्षा शुरू कर दी है। जैसा कहा गया कि विधायक के घर से मोबाइल चुराने के बाद शीलू ने 150 से अधिक काल की हैं, लेकिन जिस तिथि में वह विधायक के घर मौजूद रही उस तिथि में भी उसने उसी मोबाइल से सम्पर्क के लोगों को फोन किया है। इससे प्रतीत होता है उसको विधायक ने ही मोबाइल दिया था। पुलिस अधीक्षक बांदा से विधायक की 14 दिसम्बर के बाद कितनी बार बातचीत हुई और बातचीत के दौरान उनकी लोकेशन क्या रही। इसकी भी जांच हो रही है। जिस दिन अनधिकृत रूप से पुलिस अधीक्षक के जेल जाने की बात कही जा रही है, क्या उनकी डिटेल लोकेशन जेल के आस-पास की है। विधायक ने इस अवधि में किन लोगों से बातचीत की है। कौन-कौन से पुलिस वाले पलटकर विधायक को फोन करते रहे हैं, उनकी बातचीत की अवधि क्या रही है। सभी बिन्दुओं पर सीबीसीआइडी की पड़ताल जारी है। मंदिर गयी थी शीलू : बृजलाल लखनऊ : विशेष पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था बृजलाल ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि शीलू पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था में मंदिर गयी थी। उसने खुद मंदिर जाने की इच्छा प्रकट की थी। उन्होंने इसको खारिज किया कि शीलू दो घण्टे के लिए लापता कर दी गयी थी। जांच को सपा का महिला प्रतिनिधि मण्डल गठित लखनऊ : समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शीलू दुराचार काण्ड की जांच को महिला प्रतिनिधि मण्डल का गठन किया है। प्रतिनिधि मण्डल में सांसद सुशीला सरोज, विधायक शादाब फातमा व संध्या कठेरिया के साथ महिला सभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष इन्दिरा जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष लीलावती कुशवाहा, दीपमाला कुशवाहा व बीना पटेल को शामिल किया गया है। जेल प्रशासन पर गिरेगी गाज! लखनऊ :अपर महानिरीक्षक कारागार योगेश कुमार शुक्ल ने सोमवार को बांदा जेल की महिला वार्डेन को वरिष्ठ अफसरों के धमकाये जाने की जांच की। उन्होंने बांदा जेल में विभागीय कर्मचारियों से वार्ता की। श्री शुक्ल मंगलवार मुख्यालय लौट महानिरीक्षक कारागार को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। इस मामले में शासन का रुख सख्त होने से बांदा जेल प्रशासन पर गाज गिरने की संभावना प्रबल हो गयी है। सुनवाई टली बांदा : शीलू के बालिग या नाबालिग होने का फैसला एक बार फिर टल गया। मामले से जुड़े दस्तावेज उच्च न्यायालय में तलब किये जाने से स्कूल संबंधी पत्रावलियां लेकर साक्ष्य देने आये प्राइमरी पाठशाला शहबाजपुर के प्रधानाध्यापक बैरंग लौट गये। अदालत ने उच्च न्यायालय से दस्तावेज न आने तक के लिए सुनवाई टाल दी है। सुरक्षा में रोज खर्च हो रहे दो लाख बांदा : शीलू की सुरक्षा में इस समय प्रतिदिन दो लाख से अधिक की धनराशि खर्च हो रही है।
 शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट इस पर करेगा विचार
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो : वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने बांदा में बलात्कार पीडि़त लड़की की गिरफ्तारी की न्यायिक जांच की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। बांदा में बसपा विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी पर नाबालिग लड़की से बलात्कार का आरोप है। पुलिस ने पीडि़ता को विधायक के घर चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया था जिसे चार सप्ताह बाद मुख्यमंत्री मायावती ने अपने जन्मदिन पर रिहा करा दिया था। सोमवार को पुलिस सुधार मामले में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने मुख्य न्यायाधीश एस.एच. कपाडि़या की अध्यक्षता वाली पीठ से बांदा कांड का जिक्र किया। उन्होंने पीठ को दो पेज का नोट सौंपा। इसमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में गंभीर घटना हुई। जिसके खिलाफ शिकायत थी वह शिकायत के एक महीने बाद तक खुला घूमता रहा। उन्होंने कहा कि पीडि़ता की ंिगरफ्तारी में शामिल अधिकारियों की भूमिका की जांच होनी चाहिए। पीठ ने शुक्रवार को सुनवाई की सहमति जताई।
 January 19, Wednesday , 2011
 अनशन पर बैठी शीलू
 बांदा, जागरण टीम : शहर आने को छटपटा रही शीलू चौथे दिन भी शहबाजपुर में कैद रही। सोमवार रात से ही गायब भाई संतू ने मड्डगलवार को यह बताकर सनसनी फैला दी कि उसे दो बाइक सवार उठा ले गए थे, चिल्लाने पर बाइक सवार उसे शंकरबाजार में छोड़कर चले गए तो वह वहां से नाना के घर चला गया था। इधर, सुरक्षित जगह पहुंचाने व दोषियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शीलू सुबह अनशन पर बैठ गयी। लोगों के समझाने पर दोपहर बाद खाना खाया। पुलिस-पीएसी के पहरे के बीच सपाइयों का गांव में जमघट लगा रहा। इस बीच सपाइयों ने धक्का-मुक्की करते हुए सीओ नरैनी को दौड़ाया तो उन्होंने स्कूल के पीछे छिपकर जान बचायी। उधर पुलिस को चकमा देकर दुष्कर्म के चौथे आरोपी रावण ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया, उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.लखनऊ, जागरण ब्यूरो : बांदा के शीलू दुराचार काण्ड में पीपुल्स यूनियन आफ सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोषी वरिष्ठ अधिकारियों के विरुद्ध की गयी कार्रवाई की रिपोर्ट मांगकर सरकार की मुश्किल बढ़ा दी है। अगली सुनवाई के लिए 21 जनवरी की तिथि मुकर्रर है। सूत्रों के मुताबिक कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद सीबीसीआइडी टीम को जांच में और तेजी लाने का निर्देश दिया गया है। 21 यानि शुक्रवार से पहले संभव है शासन दोषी अफसरों को दण्डित कर दे। नरैनी विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी और उनके तीन साथियों पर शीलू के साथ सामूहिक दुराचार का आरोप है। दुराचारियों ने कूटरचित ढंग से शीलू को चोरी के मामले में 15 दिसम्बर को जेल भिजवा दिया, जो एक माह बाद रिहा हुई। शीलू पर मुकदमा दर्ज करने और दोषियों को बचाने में अफसरों ने सक्रिय भूमिका निभाई। इस मामले में तत्कालीन कार्यवाहक थानाध्यक्ष जब्बार को निलम्बित और थानाध्यक्ष शिवमिलन को हटा दिया गया है, लेकिन बाकी किसी अफसर पर कार्रवाई नहीं हुई है। आरोप है कि पुलिस अधीक्षक ने रुचि लेकर शीलू पर बयान बदलने का दबाव बनाया और अनधिकृत रूप से जेल गये। जेल अधीक्षक, जेल के डाक्टर, सीएमओ, महिला अस्पताल की सीएमएस और अन्य कई पर गलत तरीके से विधायक का साथ देने का आरोप है। सूत्रों का कहना है कि सीबीसीआइडी की जांच में कई लोग दोषी पाये गये हैं। काल डिटेल लोकेशन के आधार पर भी कुछ लोगों के दोष सिद्ध होने की उम्मीद है।

दण्डित होंगे दोषी अफसर!
 लखनऊ, जागरण ब्यूरो : बांदा के शीलू दुराचार काण्ड में पीपुल्स यूनियन आफ सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोषी वरिष्ठ अधिकारियों के विरुद्ध की गयी कार्रवाई की रिपोर्ट मांगकर सरकार की मुश्किल बढ़ा दी है। अगली सुनवाई के लिए 21 जनवरी की तिथि मुकर्रर है। सूत्रों के मुताबिक कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद सीबीसीआइडी टीम को जांच में और तेजी लाने का निर्देश दिया गया है। 21 यानि शुक्रवार से पहले संभव है शासन दोषी अफसरों को दण्डित कर दे। नरैनी विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी और उनके तीन साथियों पर शीलू के साथ सामूहिक दुराचार का आरोप है। दुराचारियों ने कूटरचित ढंग से शीलू को चोरी के मामले में 15 दिसम्बर को जेल भिजवा दिया, जो एक माह बाद रिहा हुई। शीलू पर मुकदमा दर्ज करने और दोषियों को बचाने में अफसरों ने सक्रिय भूमिका निभाई। इस मामले में तत्कालीन कार्यवाहक थानाध्यक्ष जब्बार को निलम्बित और थानाध्यक्ष शिवमिलन को हटा दिया गया है, लेकिन बाकी किसी अफसर पर कार्रवाई नहीं हुई है। आरोप है कि पुलिस अधीक्षक ने रुचि लेकर शीलू पर बयान बदलने का दबाव बनाया और अनधिकृत रूप से जेल गये। जेल अधीक्षक, जेल के डाक्टर, सीएमओ, महिला अस्पताल की सीएमएस और अन्य कई पर गलत तरीके से विधायक का साथ देने का आरोप है। सूत्रों का कहना है कि सीबीसीआइडी की जांच में कई लोग दोषी पाये गये हैं। काल डिटेल लोकेशन के आधार पर भी कुछ लोगों के दोष सिद्ध होने की उम्मीद है।
शीलू को राजनीति में उतारेगी सपा
 बांदा : जेल से छूटने के बाद चार दिन से चल रही राजनीतिक धमाचौकड़ी में मंगलवार को यह साफ हो गया कि शीलू समाजवादी पार्टी के पाले में चली गयी। महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में आये प्रतिनिधि मंडल ने शीलू को आश्र्वस्त किया कि पढ़ा लिखाकर चुनाव लड़ाया जायेगा। शीलू ने भी हामी भर दी फिर क्या जिला कमेटी ने शीलू की मदद के लिए तीन लाख की नगद धनराशि हाथों में सौंप दी। पुलिस को चकमा देकर कोर्ट पहुंच गया रावण बांदा : शीलू के साथ दुष्कर्म के चौथे आरोपी रावण को पुलिस नहीं पकड़ पायी। आखिर उसने मंगलवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। सीजेएम ने अभियुक्त को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के आदेश दिये। संतू का दावा, चिल्लाने पर शंकर बाजार में छोड़ा बांदा : शीलू प्रकरण में प्रतिदिन कोई न कोई नयी खबर जुड़ रही है। सोमवार को शीलू ने आरोप लगया कि पुलिस कर्मी उसे पूजा के बहाने बंधक बनाकर लखनऊ लिये जा रहे थे तो देर शाम उसका भाई संतू गायब हो गया। मंगलवार दोपहर जब वह सामने आया तो बताया कि उसे दो बाइक सवार गांव से उठा ले गये थे। शंकर बाजार में जब वह चिल्लाया तो उसे छोड़कर बाइक सवार भाग खड़े हुये और वह नाना-नानी के यहां चला गया।
आँसू पोंछने पहुँचे पुनिया January 20, Thursday , 2011
 बांदा : एससीएसटी आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया ने शीलू से मुलाकात कर कहा कि सत्ताधारी पार्टी के विधायक से लड़ाई लड़कर इस बेटी ने साहस का परिचय दिया है। मैं यहां राजनीति करने नहीं, शीलू को न्याय दिलाने आया हूँ। उन्होंने कहा कि यहां के दागी डीएम व एसपी को भी जेल भेजा जाना चाहिए। दलित मुक्त जागरण अभियान के तहत आये श्री पुनिया शहबाजपुर पहुंचकर शीलू व उसके परिजनों से मुलाकात की। शीलू ने विधायक के अत्याचारों को बयां किया। उन्होंने कहा कि इस सरकार के आईएएस, पीसीएस अधिकारी कठपुतली की तरह हैं। अधिकारी यदि सजग होते तो शीलू जेल न पहुंचती। विधायक व उसके साथी पहले ही गिरफ्तार हो जाते। जिले के एसपी और डीएम इसके लिए दोषी हैं। उन्हें बांदा की जेल में ही बंद होना चाहिये। श्री पुनिया ने शीलू के पिता अच्छेलाल व भाई संतू से मुलाकात की। सुरक्षा व्यवस्था व प्रशासन द्वारा किसी तरह के दबाव के बारे में पूछा। बताते हैं कि भाई ने कहा कि कुछ अधिकारी उसकी बहन पर बयान बदलवाने का दबाव बना रहे हैं। शीलू व भाई संतू ने कहा कि सभी दलों ने उसकी लड़ाई लड़ी है, इसलिए वह किसी पार्टी से जुड़े नहीं है। भाई ने कहा कि वह बहन के साथ किसी सुरक्षित स्थान पर रहना चाहता है। बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री पुनिया ने कहा कि शीलू जैसी ही घटना अंबेडकर नगर, मुरादाबाद व कानपुर में जो हुई हैं, उससे प्रदेश सरकार का घिनौना चेहरा सामने आ गया है। यह सरकार विधायक व गुंडों को संरक्षण दे रही है। अत्याचार की सीमाएं टूट गयी हैं। ऐसे में केंद्र सरकार हस्तक्षेप कर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन भी लागू कर सकती है। श्री पुनिया ने एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार द्वारा प्रोटोकाल में संशोधन कर विशेष अतिथि से हटाने का कार्य भेदभाव उजागर कर रहा है। उन्होंने कहा कि मेरी हत्या करायी जा सकती है और यदि ऐसा हुआ तो प्रदेश की मुखिया जिम्मेदार होगी।


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